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Monday 25 April 2011

कलम बड़ी या बड़ी कटार

























कलम बड़ी या बड़ी कटार
किसकी जीत और किसकी हार


एक देती है विद्यादान
दूजी बहाए खून की धार


कलम बड़ी या बड़ी कटार
किसकी जीत और किसकी हार


कलम देती कवियों को भाषा
क्रांति की लाये बयार


पर कटार ने लाखों को लुटा
जग में लाती हाहाकार


कलम बड़ी या बड़ी कटार
किसकी जीत और किसकी हार


कलम कईयों को जीवन देता
कईयों का है प्राणाधार


वरदान है ये इश्वर का
शिक्षा का करता विस्तार


कलम बड़ी या बड़ी कटार
किसकी जीत और किसकी हार


पर कटार के खेल निराले
आतंक का करे प्रसार


भाई भाई को भी लरवाता
तोड़े कितने ही परिवार


कलम बड़ी या बड़ी कटार
किसकी जीत और किसकी हार


कलम नहीं कोई बेजान वस्तु
अभिव्यक्ति का है ये आधार


जिस जिस ने इसको अपनाया
उसने पाया इसका प्यार


तो आओ मेरे यारों आओ
कटार को छोर अब कलम उठाओ


जन-जन में तुम ज्ञान को बांटो
सत्य की उनको राह दिखलाओ


कलम है युग को बदलने वाला
पन्त,दिनकर हो या हो निराला


सबने इसकी मान बढाई
कलम की शक्ति को दिखलाई


अब तुम भी इसको अपनाओ
बात दिल की लिखते जाओ


कलम के उन सच्चे सपूत पर
तुम भी अपनी शीश झुकाओ


बस आज से तुम कर लो विचार
बदल लो अपना तुम व्यवहार


कलम से तुम्हे है क्रांति लाना
कलम की होवे कभी ना हार


कलम बड़ी या बड़ी कटार
किसकी जीत और किसकी हार

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