आऊँगा बादल बनकर
तुझसे मिलने ओ पीपल के पेड़
जब तू धुप से व्याकुल हो जाएगा
प्रतिदिन सबको प्राण वायु देता है
पर एक दिन जब तू निरुत्तर हो जाएगा
उन पशु पंछियों के सामने जब वो
तुझे छोड़कर किसी आलिशान घर के बागीचे में
छाओं तले अपना बसेरा ढूंढेंगे
आऊंगा मैं वर्षा बनकर
तुजसे मिलने ओ पीपल के पेड़
जब तुझे पूजने वाले लोग,तुझे जल अर्पण करने वाले लोग
भौतिकता के भंवर में खो जायेंगे
आऊंगा तुझसे मिलने ओ पीपल के पेड़
आऊंगा मिलने ...
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