स्वागत

Monday 25 April 2011

आएगा, नववर्ष फिर आएगा



आएगा, नववर्ष फिर आएगा 
लोग मनाएंगे जश्न 
एक तराना फिर शुरू हो जाएगा 
कई ऐसे पन्ने छूट जायेंगे 
काल के गाल में 
जिन्हें पढने की जरूरत थी हमें 
पर शायद अब किताब ही
बदल दिया जाएगा
आएगा, नववर्ष फिर आएगा

भुला देते हैं पाठ आज लोग यहाँ
करते है अपनी मनमानी 
कल फिर से कोई नया पाठ 
पढ़ा दिया जाएगा 
आएगा, नववर्ष फिर आएगा

होगा,हंगामा होगा फिर 
बदलने की मांगे भी होंगी उस पाठन शैली की 
पर सब कुछ हम पर मढ़ दिया जाएगा
आएगा, नववर्ष फिर आएगा

भेड़ चाल में सब धसे चले जाते हैं 
लोग दिखावे में आ जाते हैं 
कल भी उन्हें उस राह पर धकेल दिया जाएगा 
आएगा, नववर्ष फिर आएगा 

जो तुम पाठ को दोहराओगे अपने दिल से 
सब हाथ  बटाओगे कल   मिल के 
तो ज़रूर से ज़रूर नववर्ष फिर आएगा 
आएगा,नववर्ष फिर आएगा ...
आएगा, नववर्ष फिर आएगा ..


No comments:

Post a Comment