धरती आकाश बादल क्या हैं
माँ तुने ही तो मुझे बताया था
नज़र न लग जाए मुझको
काजल तुने ही मुझे लगाया था
कविता लेख ग़ज़ल क्या है
शब्द तुने मुझे सिखाया था
धुप न लग जाए मुझको
आँचल में तुने मुझे छुपाया था
दोस्त गुरु भगवन क्या हैं
माँ तुने मुझे समझाया था
ठोकर न लग जाए मुझको
चलना तुने मुझे सिखाया था
निशब्द हूँ तेरे लिए माँ
बस कुछ शब्दों का अर्पण है
तेरे संस्कारों का हे माँ
मेरी कविता एक दर्पण है
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